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Ujale ke Sang

उजाले के संग: नेपाल की कविताएँ
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हमारी अपनी कविताएँ
सन् १६७० के दशक के मध्य से नेपाली साहित्य में सक्रिय कविद्वय राजेन्द्र शलभ और स्नेह सायमि ऐसी काव्यिक प्रतिभाएँ हैं जो कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक भाव सम्प्रेषण की अदभुत क्षमता रखते हैं। ये दोनों हम ही से हमारे दर्द और मुस्कान, पीडा और खुशियाँ बचपन और बढापा घर और बाजार, हम और हम से ही चुनी गई सरकार-सब लेकर जाते हैं। और इन सबको पिरोकर कविता की माला बनाते हैं। इस कदर इनकी कविता चुभती हैं कि आपका उन चुभन को महसूस किए बगैर कोई कदम बढ़ाना सम्भव नहीं लगता । इसलिये इनकी कविताओं का वर्णन नहीं किया। जा सकता, बल्कि उन्हे अनुभूत किया जा सकता है। अधिकांश रूपमें शलभ आत्मपरक शैली मे और स्नेह तृतीय पुरुष शैली में लिखते हैं, लेकिन इन दोनों शैली की कविताओं के अन्दर जो पात्र है, वह है, मैं और आप | महसूस कीजिए इनकी हर कविता में में ही मैं हूँ, और बस आप ही आप हैं । अप्रतिम शुभकामनाएँ ।-विधान आचार्य
अध्यक्ष, नेपाल स्रष्टा समाज

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9789937751438
Paperback, 1st
ISBN13: 9789937751438
Shikha Books, 2021

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