जमीर का कैदी विमल अपने एक बिछुड़े दोस्त - जगमोहन - की गुहार पर उसकी मदद के लिये खैरगढ़ पहुंच गया तो उसे अहसास हुआ कि जगमोहन का जीवन अंधेरे की गर्त में लुप्त था ! जैसे जैसे विमल जगमोहन के अतीत से परतें उधेड़ता गया, वैसे-वैसे उसे अहसास होता गया कि जगमोहन के जीवन में उसके चारों ओर मंडराते गिद्ध अब उसके पीछे पड़े थे और खुद उसकी अपनी जान सांसत में थी !