साहित्यक माध्यमसँ राष्ट्रिय आ सांस्कृतिक ऐकवद्धताएँ सिंचित करब एखनुक महत्वपूर्ण कार्यभार अछि । सुम्निमाक मैथिलीमे सुन्दर अनुवाद क कश्री वृषेशचन्द्र लाल अपन मातृभाषा एवं अपन प्रेरणाक श्रोत बीपी कोइरालाक प्रतिक ऋण मोचनक एलथि अछि । .. अनुवादकलेल मूल कृतिक मर्म बुझब आवश्यक आ संगँ जाहि भाषामे अनुवाद कएल जाइछ तकर सौष्टव आ सौन्दर्यक आत्मसातहएब सेहो जरूरी छैक । वृषेशचन्द्र लाल अपन एहि अनुवादमे आवश्यक एहि दुनू योग्यताकँ देखोलन्हि अछि । ओ बीपीक मर्मकँ बुझने छथि आ मैथिली भाषा अपनमायक कोंखेसँ सिखने छथि ।
-प्रदीप गिरि
हिन्दी आ नेपालीक प्रख्यात साहित्यकार तथा नेपालक प्रथम निर्वाचित प्रधानमन्त्री स्व. बीपी कोइरालाक उपन्यास 'सुम्निमा'क नेपालीसँ मैथिलीमे अनुवाद देखि चमत्कृत भ गेलहुँ । स्व. बीपी कोइरालाक राजनीतिक विचारक अनुयायी लोकतान्त्रिक समाजवादी राजनीतिज्ञ वृषेश चन्द्र लालद्वारा मैथिलीमे अनुदित पोथी 'सुम्निमा' पढि अनुभूत भेल जे वृषेशजी सेहो स्व. कोइरालाजकाँ मूलतः साहित्यकार छथि, राजनीतिकर्मितासँ एकदम सामानान्तर दुनूकअपन विशिष्ट साहित्यिक व्यक्तित्व छन्हि ।
-डा. शेफालिका वर्मा