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आवाज़ दो हम एक हैं' हिंदी में जां निसार अख़्तर की आज भी जवान शायरी की पहली मुकम्मल किताब है, जो उनके शायराना मिज़ाज और कलंदराना अंदाज़ से हिंदी के पाठकों को रूबरू कराएगी I उर्दू में प्रकाशित उनकी सभी 6 किताबों से ली गई चुनिंदा रचनाओं को संपादित कर यह संकलन तैयार किया गया है I लगभग आधी सदी पहले लिखी गई उनकी शायरी अपनी पूरी चमक के साथ मौजूद है, और हिंदी जगत को इस गौरव, ख़ुशी और उम्मीद के साथ समर्पित है कि यह अदब के एक बड़े फ़नकार का सही मायने में परिचय करा पाएगी I

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9789387383234
Paperback
ISBN13: 9789387383234
Manjul Publishing House, 2018

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